महावीर जयंती: अहिंसा और करुणा का पर्वहर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को महावीर जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, और करुणा के सिद्धांतों को विश्व के सामने प्रस्तुत किया, जो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आइए, इस पावन पर्व के महत्व और उत्सव के बारे में जानें।महावीर जयंती का इतिहासभगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के वैशाली (वर्तमान में मुजफ्फरपुर के पास) में हुआ था। उनका मूल नाम वर्धमान था, और वे एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे। लेकिन सांसारिक सुखों को त्यागकर उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग चुना। तीस साल की उम्र में उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ दिया और कठोर तपस्या की। बारह वर्षों की साधना के बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ, और वे "महावीर" कहलाए।उनके उपदेशों ने जैन धर्म को नई दिशा दी। उन्होंने पांच प्रमुख सिद्धांत दिए: अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह (संग्रह न करना)। ये सिद्धांत न केवल जैन धर्म के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक हैं।महावीर जयंती का महत्वमहावीर जयंती सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें आत्म-चिंतन और नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है। इस दिन भगवान महावीर के उपदेशों को याद किया जाता है, जो हमें हिंसा, लालच, और अहंकार से दूर रहने का संदेश देते हैं। अहिंसा का उनका सिद्धांत आज भी विश्व शांति के लिए प्रासंगिक है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि सच्चा सुख दूसरों के प्रति करुणा और प्रेम में निहित है।कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती?महावीर जयंती का उत्सव जैन समुदाय में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर प्रार्थना करते हैं और जैन मंदिरों में जाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख गतिविधियाँ होती हैं:रथ यात्रा: कई स्थानों पर भगवान महावीर की मूर्ति को रथ में सजाकर भव्य जुलूस निकाला जाता है। भक्त भजन और कीर्तन गाते हुए इस जुलूस में शामिल होते हैं।पूजा और अभिषेक: मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्तियों का दूध, जल और चंदन से अभिषेक किया जाता है।उपवास और दान: भक्त उपवास रखते हैं और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, और अन्य वस्तुएँ दान करते हैं।प्रवचन: जैन मुनियों और विद्वानों द्वारा भगवान महावीर के उपदेशों पर प्रवचन आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को उनके सिद्धांतों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।सामाजिक कार्य: इस दिन कई संगठन रक्तदान शिविर, मुफ्त भोजन वितरण, और अन्य कल्याणकारी कार्य करते हैं।महावीर जयंती का संदेशमहावीर जयंती हमें यह सिखाती है कि जीवन का असली उद्देश्य आत्म-शुद्धि और दूसरों के प्रति करुणा है। भगवान महावीर का कहना था, "जीवो और जीने दो।" यह सिद्धांत हमें सभी प्राणियों के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना रखने की प्रेरणा देता है। आज के समय में, जब विश्व में हिंसा और असहिष्णुता बढ़ रही है, उनके अहिंसा और सह-अस्तित्व के संदेश को अपनाना और भी जरूरी हो गया है।निष्कर्षमहावीर जयंती एक ऐसा अवसर है, जो हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मौका देता है। इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएँगे और एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश करेंगे। आइए, इस महावीर जयंती पर हम अहिंसा, सत्य, और करुणा के मार्ग पर चलें और समाज में शांति और सद्भावना फैलाएँ।आप सभी को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ!